ताम्रपाषाण युग (Chalcolithic Period) NOTES NCERT BASE 2022 PDF

The Copper Age, also called the Chalcolithic

0

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

ताम्रपाषाण युग (Chalcolithic Period) NOTES NCERT BASE

ताम्रपाषाण युग (Chalcolithic Period) NOTES NCERT BASE 2022 PDF

 

ताम्रपाषाण युग (Chalcolithic Period) :

ताम्रपाषाण युग या ताम्र पाषाण संस्कृति का आरम्भ नवपाषाण युग के बाद हुआ। ताम्रपाषाण युग या ताम्र पाषाण संस्कृति में उपकरण, औजार और हथियार के निर्माण में पत्थर के साथ ताँबें का भी प्रयोग बहुतायत में होने लगा, इसीलिए इस समय को ताम्रपाषाण युग या ताम्रपाषाणिक युग कहते हैं।

  • नवपाषाण युग के अंत में धातुओं का प्रयोग बढ़ने लगा, सर्वप्रथम धातुओं में ताँबे का प्रयोग किया गया। तो जिस संस्कृति ने पत्थर के साथ-साथ ताँबे का भी प्रयोग किया उसी संस्कृति को ताम्रपाषाणिक कहते हैं, जिसका अर्थ है ‘पत्थर और तांबे के उपयोग की अवस्था।’
  • तकनिकी दृष्टिकोण से ताम्रपाषाण युग, हड़प्पा की कांस्यकालीन संस्कृति से पहले की है। लेकिन भारत में हड़प्पा की कांस्य संस्कृति पहले आती है और अधिकांश ताम्रपाषाण युग की संस्कृतियाँ बाद में।
  • ताम्रपाषाण युग के लोग पशुपालन और कृषि किया करते थे। वे मुख्य अनाज गेहूँ, चावल के आलावा बाजरा, मसूर, उड़द और मूँग आदि दलहन फसलें भी उगाया करते थे।
  • वे लोग भेड़, बकरी, गाय, भैंस और सूअर पाला करते थे। हिरन का शिकार करते थे। वह ऊँट से परिचित थे इस बात के भी साक्ष्य ऊँट के अवशेष के रूप में प्राप्त हुए हैं। सामान्यतः इस संस्कृति या युग के लोग घोड़े से परिचित नहीं थे।
  • ताम्रपाषाण युग के लोग समुदाय बनाकर कर गांवों में रहते थे तथा देश के विशाल भागों में फैले थे जहाँ पहाड़ी जमींन और नदियाँ स्थित थीं। इतिहासकारों का मत है की ताम्रपाषाण युगीन लोग पक्की ईंटों का प्रयोग नहीं करते थे संभवतः वह पक्की ईंटों से परिचित नहीं थे।
  • ताम्रपाषाण काल के लोग वस्त्र निर्माण करना जानते थे। साथ ही वह मिट्टी के खिलोने और मूर्ति (टेराकोटा की) के कारीगर थे। साथ ही कुंभकार, धातुकार, हाथी दाँत के शिल्पी और चुना बनाने के कारीगर थे।
  • ताम्रपाषाण काल के अधिकतर मृदभांड (मिट्टी के बर्तन) काले व लाल रंग के थे, जोकि चाक पर बनते थे कभी-कभार इन पर सफेद रंग की रेखिक आकृतियाँ बनी रहती थी।
  • मिट्टी की स्त्री रूपी मूर्ति से ज्ञात होता है कि ताम्रपाषाण कालीन लोग मातृ-देवी की पूजा करते थे और संभवतः वृषभ (सांड) धार्मिक पंथ का प्रतीक था।
  • भारत में ताम्रपाषाण काल की कई बस्तियाँ हैं तिथिक्रम की दृष्टि से कुछ प्राक् तथा हड़प्पीय हैं, कुछ हड़प्पा संस्कृति के समकालीन हैं तो कुछ हड़प्पोत्तर अर्थात हड्डपा संस्कृति के बाद की हैं।

भारत में ताम्रपाषाण युगीन बस्तियां :

  • दक्षिण पूर्वी राजस्थान –
    अहार (उदयपुर),
    गिलुंद (राजसमंद)
  • पश्चिमी महाराष्ट्र –
    जोखे,
    नेवासा, सोनगाँव और दैमाबाद (अहमदनगर),
    चंदौली (कोल्हापुर),
    इनामगाँव – इस युग की सबसे बडी बस्ती यहीं मिली है (पुणे)
  • पश्चिमी मध्यप्रदेश –
    मालवा (मालवा),
    कयथा (मंडला),
    एरण (गुना)

 

ताम्र पाषाण युग परीक्षा उपयोगी प्रश्नोत्तरी

  1. ताम्र पाषाण काल (3500 ईसा पूर्व से 1200 ईसा पूर्व) लोह काल ( 1000- 600 ईसा पूर्व) को इतिहास में अध्ययन की दृष्टि से इतिहास के किस भाग में रखा गया है?
    a.आद्य ऐतिहासिक काल
    b.ऐतिहासिक काल
    c.प्रागैतिहासिक काल
    d.इनमें से कोई नही

Answer – आद्य ऐतिहासिक काल

  1. मनुष्य ने सर्वप्रथम किस धातु का प्रयोग किया?
    a.लोहा
    b.काँसा
    c.ताम्बा
    d.चांदी

Answer – ताम्बा
मनुष्य ने सर्वप्रथम ताँबा धातु का प्रयोग किया-
ताँबा+ टिन= काँसा
हड़प्पा सभ्यता काँस्य युगीन सभ्यता है, इसलिए ताम्र पाषाण काल को हड़प्पा सभ्यता से पहले पढ़ा जाता है।

  1. परवर्ती हड़प्पा काल में कुछ स्थानीय संस्कृतिया पनपी उनमें से निम्न को सुमेलित करें।
    क्षेत्र – संस्कृति
    a.पाकिस्तान में सिंध- 1. झुकर झांगर संस्कृति
    b.पाकिस्तान के पंजाब व बहावलपुर क्षेत्र में- 2.कब्रगाह-H- संस्कृति
    c.गुजरात- 3.लाल चमकीले मृदभांड की संस्कृति
    d.पंजाब- हरियाणा – 4.पीले मृदभांडों की संस्कृति
    e.गंगा,यमुना,दोआब में- 5.गैरिक मृदभांडों का विकास

Answer – सभी सही सुमेलित है

  1. ताम्र पाषाण संस्कृतियों के बारे में सत्य कथन बताइए?
    a.यह ग्रामीण सभ्यता थी।
    b.घर बनाने के लिए लकड़ियां,घास-फूस, लकड़ी के खम्भों का प्रयोग करते थे।
    c.इनाम गाँव में मातृ देवी की मूर्ति निकली है।
    d.मालवा में वृषभ पूजा के साक्ष्य मिले है।

Answer – सभी सही है।

 

  1. दक्षिण पूर्वी राजस्थान में बनास नदी के किनारे किस ताम्र पाषाणिक संस्कृति का 2400-1400 ईसा पूर्व में विकास हुआ?
    a.कालीबंगा
    b.गणेश्वर सभ्यता
    c.आहड़ संस्कृति
    d.इनमें से कोई नही

Answer – आहड़ संस्कृति

  1. पश्चिम मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के तट पर किस ताम्र पाषाण संस्कृति का विकास हुआ
    a.मालवा संस्कृति(1700-1200 ईसा पूर्व)
    b.कायथा संस्कृति( 2000-1800 ईसा पूर्व)
    c.दोनों सही है
    d.इनमें से कोई नही

Answer – दोनों सही है
दोनों एक ही स्थान पर है कायथा के आसपास ही मालवा संस्कृति का विकास हुआ था

 

  1. जोरवे नामक ताम्र पाषाण संस्कृति के बारे में सत्य कथन बताइए
    a.यह पश्चिमी महाराष्ट्र के 2 जिलों अहमदनगर व पुणे में है
    b.इसका समय काल 1400 से 700 ईसा पूर्व है

Answer – दोनों सत्य हैं

  1. निम्न में से किस संस्कृति को बनास संस्कृति कहते हैं
    a.कालीबंगा
    b.गणेश्वर
    c.आहड़ संस्कृति
    d.इनमें से कोई नही

Answer – आहड़ संस्कृति
बनास नदी के किनारे विकसित होने के कारण से बनास संस्कृति भी कहते हैं

  1. आहड, गिलूण्ड बालाथल किस राज्य में है?
    a. राजस्थान
    b.हरियाणा
    c.पंजाब
    d.मध्यप्रदेश

Answer – राजस्थान

  1. निम्न विशेषता किस स्थान की है?
    1. तांबे के सर्वाधिक उपकरण प्राप्त होने के कारण ताम्रवती कहते हैं।
    2. यहां से कपड़े की छपाई के लिए ठप्पे प्राप्त हुए हैं
    a.बालाथल
    b.बैराठ सभ्यता
    c.पीलीबंगा
    d.आहड़ सभ्यता

Answer – आहड़ सभ्यता

  1. तांबे के साथसाथ पत्थर के उपकरण के साक्ष्य अग्निकुंड के साक्ष्य कहां से प्राप्त हुए हैं ?
    a.बालाथल
    b.बैराठ
    c.उदयपुर
    d.गिलूण्ड ( राजस्थान )

Answer – गिलूण्ड ( राजस्थान )

  1. तांबे पत्थर के दोनों के बराबर उपकरण कहां से प्राप्त हुए हैं
    a.बैराठ
    b.बालाथल
    c.गिलूण्ड
    d.इनमें से कोई नही

Answer – बालाथल राजस्थान

  1. आहड़ के बारे में सत्य कथन छाँटिए?
    1.रंगाई छपाई विकसित अवस्था में थी वह घर पत्थरों के बने हुए थे
    2.चक्रकूप विधि प्रयोग की जाती थी

a.1 सही है.
b.2 सही है
c.दोनों सत्य है
d.इनमे से कोई नही

Answer – दोनों सत्य है
चक्रकूप विधि का प्रयोग गंदे पानी को घरों से बाहर निकालने के लिए किया जाता था

  1. बड़े पैमाने पर तांबे के अवशेष प्राक हड़प्पा हड़प्पा कालीन अवशेष कहां से प्राप्त हुए थे
    a.बालाथल
    b.लोथल
    c.आहड़
    d.गणेश्वर

Answer – गणेश्वर

 

  1. मालवा संस्कृति की विशेषता है ?
    a. उत्कृष्ट कोटि के मृदभांडो के साक्ष्य
    b. चरखा व तकली के साक्ष्य
    c. वृषभ पूजा के साक्ष्य
    d. तीनों सही हैं

Answer – तीनों सही हैं
चरखा तकली यहां पर कपास के होने व वस्त्र बनाने का साक्ष्य हैं।

  1. ऐरण (सागर जिला),त्रिपुरी (जबलपुर), उज्जैनी(उज्जैन )आदि स्थल किस संस्कृति से संबंधित हैं
    a.कायथा संस्कृति
    b.आहड़
    c.कालीबंगा
    d.इनमें से कोई नही

Answer – कायथा संस्कृति

  1. सत्य कथन छाँटिए?
    1.कायथा/मालवा संस्कृति की खोज बाकड़कर महोदय द्वारा की गई थी
    2.कायथा मालवा को पहले कपित्थक कहा जाता था जो कि वराहमिहिर का जन्म स्थल है
  2. 1 सही है
    b. 2 सही है
    c. दोनों सत्य हैं
    d. इनमे से कोई नही

Answer – दोनों सत्य हैं

  1. मालवा, नागदा नवदा टोली किस संस्कृति से संबंधित है ?
    a.कालीबंगा
    b.आहड़
    c.मालवा संस्कृति
    d.मोहनजोदड़ो

Answer – मालवा संस्कृति

  1. नवदाटोली में कई प्रकार के अनाजों का ढेर मिला है यह ताम्र पाषाण सभ्यता में सबसे बड़ा ग्रामीण स्थल है यह किस राज्य में स्थित है
    a.राजस्थान
    b.मध्य प्रदेश
    c.हरियाणा
    d.उत्तरप्रदेश

Answer – मध्य प्रदेश

  1. ताम्र पाषाण संस्कृतियों में महाराष्ट्र में स्थित स्थल बताइए?
    a. जोरवे, दैमाबाद,
    b. नेवासा,प्रकाश,
    c. इनाम गांव, चंदौली,
    d. सोनगांव, नासिक
    e. सभी सही हैं

Answer – सभी सही हैं

  1. ताम्र पाषाण संस्कृति ग्रामीण थी फिर भी इसमें कुछ नगरीय स्थल पाए गए उन नगरीय स्थलों का नाम बताइये?
    a.कालीबंगा
    b.हडप्पा
    c.दैमाबाद व इनामगांव
    d.आहड़

Answer – दैमाबाद इनामगांव

  1. दैमाबाद की विशेषता बताइये?
    1.यहाँ से कांसे का रथ प्राप्त हुआ है।
    2.यहां सबसे बड़ी ताम्र पाषाणिक बस्ती थी (लगभग 20 हैक्टेयर)

a.1 सही है
b.2 सही है
c.दोनों सही है
d.इनमें से कोई नही

Answer – दोनों सही है

  1. निम्न में से कौनसा काली मिट्टी का क्षेत्र था जहाँ से कपास पटसन के साक्ष्य प्राप्त हुए है?
    a.नेवासा
    b.कालीबंगा
    c.आहड़
    d.लोथल

Answer – नेवासा

  1. इनामगांव की निम्न में से विशेषता है?
    1.यहाँ बड़ी बस्ती थी,जो किलेबंद थी।
    2.यहाँ घरों के प्रकार व बनावट अलग अलग थी अतः वर्ग विभाजन के स्पष्ट साक्ष्य प्राप्त हुए है।

Answer – दोनों सही है।

 

Download All Indian History Notes:

इन्हें भी देखें:-

Friends, if you need any PDF, Notes, Ebook, related to any topic. Or if you want any information about any exam, please comment on www.TaiyariLive.com. Share this post with your friends in social media. To get daily information about our post please like my Facebook page. You can also join our Facebook group.

Disclaimer: TaiyariLive.com does not own this book, neither created nor scanned. We just provide the link already available on the internet. If anyway it violates the law or has any issues then kindly mail us: taiyarilive@gmail.com

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Leave A Reply

Your email address will not be published.